क़त्ल हुआ ।
न शोर मचा , न ख़ून किया , पर क़त्ल हुआ भई क़त्ल हुआ। अन्दर से एक चीख़ उठी , न ध्वनि हुई , न मौन सुना, कुछ चाहने से पहले ही , गला घोट के मार दिया। चोट लगी थी , घाव हुआ , न लहु बहा , न कष्ट हुआ , एक घूंट इच्छा का पी कर , थूक दिया , बस थूक दिया। मुख़ालिफ़ है परिणाम , ...